जन जन जनसे घूमते है नारे। उठते है मन मनसे ऊर्जाके धुमारे!!
नर्मदा घाटी के हर कार्य मे संबल मिला नये, अर्थपूर्ण नारों से!!

हर नारा प्रस्तुत करता गया विचार हमारा!उसमे गेयता और गहराई से सजता था नजारा!!

जीवनशाला के नारे

जीवनशाला में सीखेंगे। आगे बढ़ते जाएंगे।।
जीवनशाला की क्या है बात। लढाई पढ़ाई साथ साथ।।

बच्चा बच्चा क्या करेगा? अपना हक लेके रहेगा।।
जीवनशाला कुणीन से? आमरी से आमरी से।।

जल, जंगल, जमीन किसकी है? हमारी है हमारी है।।
शिक्षण आमच्या हक्काचं। नाही कुणाच्या मालकीचं।।

जंगल जंगल डूबाडता। रोपा ठाणीन काय करता?
पढ़ेंगे। बढ़ेंगे।।

नर्मदा नवनिर्माण के नारे

नर्मदा बचाव। मानव बचाव।। लडेंगे, जीतेंगे।

नदियोंको अविरत बहने दो। नदियोंको निर्मल रहने दो।।

पानी चाहिये। पेप्सी नहीं।।

गाव का पानी गावमें समाए। सुखा हमें यही सिखाए।।

नाला खुदरा कुणान से? आमरा से आमरा से।।
नर्मदा मैया कुणीन से? आमरी से आमरी से।।

मिट्टी बचाओ। देश बचाओ।।
खेती बचाओ। देश बचाओ।।

कौन बनाता हिन्दुस्थान? भारत का मजदूर किसान।।
बायरी बायरी लडणारी। नवनिर्माण करणारी।।

आदिवासी एकता झिंदाबाद।
बिना पुनर्वास डूब नामंजूर।।

नर्मदा घाटी करे पुकार। डूबे नहीं मानव अधिकार।।

नर्मदा घाटी करे सवाल। जीने का हक या मौत का जाल?

देश बचाओ। देश बनाओ।।

समता, सादगी, स्वावलंबन। लाके रहेगा जनआंदोलन।।

विकास चाहिये। विनाश नहीं।।

हम हमारा हक मांगते। नहीं किसीसे भीख मांगते।।

विश्व बैंक है साहूकार। जनता बने कर्जदार॥

पूंजीपतियोंकी जागीर नहीं। ये देश हमारा है।।

जब जब महिला लड़ती है। सरकारकी कुर्सी हिलती है।।

नर्मदा नदी करे सवाल, जीने का हक या मौत का जाल!

बिना पुनर्वास लोगों को उजाड़ना बंद करो।

जहाँ डुबी जमीन हमारी, पानी मछली कैसे तुम्हारी?

नर्मदा नदी करे पुकार, डूबे नहीं मानव अधिकार!

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